बात आज शाम की है जब मैं अपना काम खत्म करके फ्लैट की तरफ पैदल ही प्रस्थान कर रहा था, तभी मेरी नज़र सड़क किनारे एक छोटे से गुमटी पर पड़ी, जिसमें एक छोटा सा लड़का जिसकी उम्र 6 साल के करीब प्रतीत हो रही थी। वो छोटा सा बच्चा लोगों को तम्बाकू और सिगरेट जैसी चीज़े बेच रहा था, और सबसे बड़ी बात यह थी कि उस गुमटी के बाहर ये लिखा हुआ था कि 18 वर्ष से कम आयु को तम्बाकू संबंधित उत्पाद बेचना दंडनीय अपराध है। ये देख कर मेरे मन में एक प्रश्न उठा की 18 वर्ष से छोटे को बेचना अपराध है लेकिन इतने कम उम्र के बच्चे से ये सब समान बेचवाना क्या अपराध की श्रेणी में नही आता ? उत्सुकतावश मैं उस गुमटी में गया और उस बच्चे से हल्की बातचीत शुरू की । मैंने उस से पूछा बेटा तुम्हारी उम्र क्या है? वह बोला 8 वर्ष। मैंने उससे पूछा क्या तुम विद्यालय नहीं जाते हो तो उसने जवाब दिया की नहीं, मैंने कहा पढ़ने का मन नहीं करता तो उसने कहा पढ़ने का मन करता है, लेकिन अब्बू पढ़ने नहीं देते ,दुकान संभालने के लिए बोलते हैं, तो मैंने कहाँ है वे उनसें मैं बात करता हूँ ? तो उसने कहा वो उस मोड़ पर दारू पी रहे है। मैं मन ही मन व्याकुल हो उठा की कैसा बाप है जो अपने ही बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है! ये तस्वीर देख कर यह समझ आ गया की ये कथनी बस एक बच्चे की नहीं है, आज यह बच्चा येह काम कर रहा है, आगे जाकर ये भी वही करेगा जो इसके पिता कर रहे हैं, क्योंकि यह अपने पिता को देख कर यही सीखेगा । भारत सरकार को इन जैसे लोगों के लिए भी कड़े कानून बनाने चाहिये । भारत सरकार के ‘स्कूल चले हम’ योजना के बाद भी काफी बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित हैं। जो कि काफी दुखद है, क्योंकि जब तक इस देश का हर एक बच्चा पढ़ नही सकता तबतक हमारा देश आगे कभी बढ़ नही सकता। शिक्षा के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले भारत ऐसे खराब संकेत के साथ विकसित नहीं हो सकता है इसके अलावा, निरक्षरता, गरीबी और बेरोजगारी जैसीे अन्य समस्याओं की ओर भारत का गरीब तबका अग्रसर है। भारत के अन्य राज्यों को भी शुरूआत के लिए हिमाचल प्रदेश और केरल जैसे राज्यों से सीखने की जरूरत है, जो साक्षरता दर में काफी आगे है। सरकार लोगों को शिक्षित करने के लिए भारी मात्रा में निवेश करती है और हमारा भी दायित्व बनता है कि हम व्यक्तिगत रूप से अपने घरों में कम से कम एक बच्चे को पढ़ाने का काम करें। लोगो के बीच में जागरूकता फैलाने की बहुत जरूरत है अगर कभी कोई इस तरह का बच्चा हमें कहीं दिखे तो उसकी मदद जरूर करें।
Ek number asap ko
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Bilkul sahi….shikshaa ke binaa samaaj adhuraa hai..
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Shi likhe ho bhai….ye sb cheezein kisi ko nahi dikhti bas logo in topics pe baate krne me interst rakhte hai
Or jab kuch krne ki bari ati h to piche bhag lete hai.
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मैंने उस बच्चे की माँ से बात की है ,वो बोली हैं कि वो उसे मेरे पास पढ़ने भेजेंगी ।
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मैं आप के विचारों से सहमत हूँ।
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इस दुनिया में अच्छे काम करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है , तो हमें ही अच्छा बनना पड़ेगा ।
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बहुत उत्तम विचार।
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Great
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Thnq mam
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Bht badhiya
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Nice
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Thnq 😊
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